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भगवान के 1001 नाम और धर्म के 1001 प्रश्न उत्तर ! स्वयं पढ़ो और देखो कौन सा लाभदायक है !

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भारत को देवभूमि क्यों कहा जाता है?

भारत, जिसे प्राचीनकाल से ही “देवभूमि” के रूप में जाना जाता है, एक ऐसा देश है जिसकी भूमि पर अनगिनत धार्मिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक धरोहरें स्थित हैं। भारत की इस विशेष पहचान के पीछे उसकी समृद्ध धार्मिक इतिहास, विविधता और उन पवित्र स्थलों का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनके साथ देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और संतों की कहानियाँ जुड़ी हुई हैं। भारत को देवभूमि कहे जाने के अनेक कारण हैं, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

आओ मिल कर धर्म के लिए कुछ बड़ा करते है।

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आओ मिल कर समाज में कुछ अच्छा करते है।

कब तक हम समाज को बाटने की सोच रखेंगे। कोई ५० का हो गया कोई ७० का। लेकिन क्या हम प्रौढ़ हुए। या अभी भी बच्चे ही है।

धर्म मृत्यु नहीं जीवन है। धर्म भोग नहीं उत्सव है।

धर्म नाम मरने के बाद का नहीं है , धर्म तो जीवन की कला है , जिसे समझ आ गया वो जी लेता है और जिसे नहीं समझ आया वो सभी कुछ मृत्यु के बाद पर छोड़ देता है और स्वयं को ही धोखा देता है।

हम कँहा से आते है और कहाँ जाते है ?

जब तक मनुष्य धयान न करे तब तक उसे इस प्रश्न का उत्तर मिल भी जाये तो वो उत्तर उसके लिए झूठ ही होगा। इसलिए इसके उत्तर किसी से मत पूछो। स्वयं में खोजो।

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प्राचीन धार्मिक धरोहर


आखिर धर्म क्या है ?

पवित्र स्थल और तीर्थ

भारत में असंख्य पवित्र स्थल और तीर्थ स्थान हैं, जहां देवी-देवताओं की पूजा होती है और जिन्हें धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। काशी (वाराणसी), मथुरा, हरिद्वार, प्रयागराज, और ऋषिकेश जैसे स्थान धार्मिक यात्राओं का प्रमुख केंद्र हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ, और वैष्णो देवी जैसे तीर्थ स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और मुक्ति की प्राप्ति के भी स्थान हैं।

अवतार और संतों की भूमि

भारत को देवभूमि कहे जाने का एक प्रमुख कारण यह है कि यह वही भूमि है जहां अनेक अवतारों और संतों ने जन्म लिया और अपने जीवन से लोगों को धर्म, सत्य, और अहिंसा का मार्ग दिखाया। भगवान विष्णु के दशावतारों की कथाएं, भगवान बुद्ध और महावीर की शिक्षाएं, और गुरु नानक, संत कबीर, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जैसे संतों की आध्यात्मिक शिक्षाएं इस भूमि की पवित्रता को और बढ़ाती हैं। इन महापुरुषों की शिक्षाएं आज भी भारत को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाती हैं।

कभी तो सोचो कि ……



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